रायबरेली से दिनेश प्रताप की ललकार, बोले-कोई गांधी आए, यहां से हारकर ही जाएगा

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♦️भाजपा ने खोले पत्ते, रायबरेली से दिनेश प्रताप को दिया टिकट

रायबरेली

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट पर दिनेश प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। मौजूदा समय में सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं।इस बार सोनिया गांधी ने यहां से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस ने अभी तक अपने चेहरे का एलान नहीं किया लेकिन अब भाजपा के एलान के बाद रायबरेली की चुनावी चौसर रोचक हो गई है। आपको बता दें कि रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है दिनेश प्रताप सिंह के भाजपा से उम्मीदवार बनते ही उनके समर्थकों में खुशी के लिए है दौड़ गई लोगों ने आपस में मिठाई बताकर खुशी का इजहार किया इस मौके पर दिनेश प्रताप सिंह ने मीडिया को कहा कि आम जनमानस अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है और यही वजह है कि रायबरेली में इस बार कमल खिलेगा और कांग्रेस को धूल चटाकर वापस भेजेगा। मुझे खुशी हुई है कि भारतीय जनता पार्टी ने मुझ पर एक बार फिर भरोसा जताया है और मैं इस पर पूरी तरीके से खरा उतरूंगा।इस बार रायबरेली से कांग्रेस को हराकर भेजेंगे।उन्होंने आगे कहा कि कोई भी गांधी यहां से आएगा वह हर कर वापस जाएगा।

♦️ समाजवादी पार्टी से शुरू किया राजनीतिक करियर

ब्लॉक प्रमुख की राजनीति से शुरुआत करने वाले दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री हैं. वह पहली बार 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधान परिषद का चुनाव लड़े थे, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी से चुनाव हार गए. बाद में 2007 में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर तिलोई विधानसभा से विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन वहां भी इन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा. उसके बाद दिनेश प्रताप ने कांग्रेस में किस्मत आजमाई.

♦️कांग्रेस में भी था दबदबा

दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस का हिस्सा थे। एक समय वे सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे हैं। पंचवटी का कांग्रेस में खूब दबदबा रहा। यही वजह थी कि 2010 में दिनेश प्रताप सिंह पहली बार और 2016 में दूसरी बार कांग्रेस से एमएलसी बने थे। हालांकि 2018 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की। 2022 में भाजपा की टिकट पर एमएलसी का चुनाव जीता और योगी सरकार में मंत्री हैं।

♦️ 2019 में भी सोनिया के खिलाफ लड़ा था चुनाव

बीजेपी में शामिल होने के बाद इन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के सामने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और करीब पौने 4 लाख वोट हासिल किए, लेकिन चुनाव हार गए. तब इन्होंने ही सोनिया गांधी को इटालियन मैडम एंटोनियो माइनो कहकर कटाक्ष किया था. सोनिया गांधी ने दिनेश प्रताप सिंह को 1,67,178 वोटों से हराकर रायबरेली की अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की थी. वहीं उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार का जब दूसरा टर्म शुरू हुआ तो, इन्हें स्वतंत्र राज्य मंत्री बनाया गया और इस वक्त उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं.

♦️ रायबरेली की सियासत में परिवार का दबदबा

रायबरेली की सियासत में पंचवटी का दबदबा है। दरअसल, दिनेश प्रताप सिंह के घर को पंचवटी के नाम से जाना जाता है। दिनेश प्रताप सिंह गांव गुनावर कमंगलपुर के रहने वाले हैं। रायबरेली की राजनीति में इस परिवार का खूब वर्चस्व है। दिनेश प्रताप सिंह के घर पर ही ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, एमएलसी और विधायक रह चुके हैं। हालांकि रायबरेली की हरचंदपुर विधानसभा सीट पर 2022 में उनके भाई राकेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।

♦️टिकट मिलने पर क्या बोले दिनेश सिंह?

राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुझपर भरोसा किया है. मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रायबरेली में कमल खिलेगा. कैसे दुःख में शामिल हुआ जाता है मैं जानता हूं. मैं गांधी परिवार में नहीं पैदा हूं. गरीब का दुःख कैसे बांटा जा सकता है दिनेश सिंह भले भांति जानता हैं. रायबरेली से नकली गांधी की विदाई तय है. कांग्रेस अपने पत्ते खोले या न खोले लेकिन जो भी हो उनका हारना तय है. गांधी परिवार से कोई भी आए रायबरेली में हारकर जायेगा.

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