आयुर्वेदिक औषधियों की भ्रामक लेबलिग पर आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी

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रायबरेली

आयुष मंत्रालय की सक्रियता से कई नामी कम्पनियों की नकली, मिलावटी, घातक रसायन से बनी आयुर्वेदिक औषधियों के जाँच मे पकड़े जाने पर आयुष मंत्रालय ने औषधि निर्माता कम्पनियो पर कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। बहुत सी कंपनियां अपनी औषधियों को बेचने के लिए कोई ‘साइड इफेक्ट नहीं’ ‘गारंटी के साथ इलाज’ जैसे शब्द प्रचारित करती है। जो कि जांच में सही नहीं पायी जाती। ऐसी कम्पनियों पर कार्यवाही करने की तैयारी होगी। इस आशय का एक पत्र क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी रायबरेली डॉ0 रवि प्रकाश सोनकर ने आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के क्रम में कहा है कि आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं को ड्रग एण्ड कास्मेटिक रेमेडीज एक्ट 1954 उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 2019, दॉ केबल टेलीविजन नेटवर्क एक्ट 1995, दॉ सिम्बल एण्ड नेम एक्ट 1950 के तहत निर्देश दिया जाता है कि औषधियों पर लेबलिंग व औषधियों का प्रचार प्रसार उक्त अधिनियम के तहत ही करें। अगर किसी ने भ्रामक प्रचार-प्रसार व लेबलिग (जैसे लेवल पर आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित/प्रमाणित का उल्लेख, हरा मार्क प्रदर्शित करना, 100 प्रतिशत शाकाहारी का उल्लेख, कोई साइड-इफेक्ट नहीं का उल्लेख किसी भी आयुर्वेदिक औषधियों पर न्यूट्रिशन वैल्यू का उल्लेख) करता है तो उस पर विधिक कार्यवाही होगी।

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